"ॐ नमः कामदेवाय. सहकल सहद्रश सहमसह लिए वन्हे धुनन जनममदर्शनं उत्कण्ठितं कुरु कुरु, दक्ष दक्षु धर कुसुम वाणेन हन हन स्वाहा." गुलाब की कलम से इस तरह उगाएं पौधा, फूलों से भरा रहेगा आपका गमला! 'औरंगजेब का नाम देख खून खौल उठता है', खुलदाबाद का नाम रत्नपुर करने की उठी https://ryszarda332rbl4.blogcudinti.com/36563300/the-best-side-of-vashikaran