ह्लीं बगलामुखी विद्महे दुष्टस्तंभनी धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात्॥ साबधान गुरू कृपा अत: दिक्षा के विना ये प्रयोग कतापी ना करें शत्रू दुबारा प्रत्यगरा , विपरीत प्रत्यंगरा आदि प्रयोग होने पर साघक को भयंकर छती का सामना करना पड़ सकता। रोगों का नाश: विभिन्न रोगों और बीमारियों से मुक्ति मिलती https://vashikaran40731.mpeblog.com/57217097/rumored-buzz-on-baglamukhi-shabar-mantra